नववर्षांच्या शुभेच्छा

नए साल  की शुभकामनाये देते हुए 

हिंदी के जानेमाने कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता...  


-----------------------------------------------------------------------------


नए साल की शुभकामनाएँ!


खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को

कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को

नए साल की शुभकामनाएं! 


जाँते के गीतों को बैलों की चाल को

करघे को कोल्हू को मछुओं के जाल को

नए साल की शुभकामनाएँ!


इस पकती रोटी को बच्चों के शोर को

चौंके की गुनगुन को चूल्हे की भोर को

नए साल की शुभकामनाएँ!


वीराने जंगल को तारों को रात को

ठंडी दो बंदूकों में घर की बात को

नए साल की शुभकामनाएँ!


इस चलती आँधी में हर बिखरे बाल को

सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को

नए साल की शुभकामनाएँ!


कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को

हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को

नए साल की शुभकामनाएँ!


उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे

उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे

नए साल की शुभकामनाएँ!


_---------------------------------------------------


Comments

Popular posts from this blog

गांधींबद्दल

मराठी अक्षरे ङ आणि ञ

वेदना